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जहरीली हो गई है जोधपुर की हवा पटाखों से

 नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे आर्टिकल में दोस्तों दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद जोधपुर सहित प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हुई आतिशबाजी ने हवा में वायु प्रदूषण बढ़ा दिया जोधपुर और भिवाड़ी में सर्वाधिक प्रदूषण रहा । जयपुर , बीकानेर और भरतपुर संभाग में हवा चलने और रामा - श्यामा को बरसात - ओलावृष्टि के कारण हवा शुद्ध हो गई । जोधपुर में रात 8 बजे के बाद प्रतिबंध पटाखे छूटने के साथ हवा में धूल कणों यानी पार्टिकुलेट मैटर ( पीएम ) की मात्रा बढ़ती गई । रात 1 जमका बजे यह जहरीली मानी जाने वाली हवा के उच्चतम स्तर 720 तक पहुंच गई । आसमां में धूल कणों के बादल बन जान से ऑक्सीजन की सांद्रता घट गई और कई लोगों को सांस लेना मुश्किल हो हो गया । सांस लेने के लिए अच्छी वायु 50 से नीचे मानी जाती है । धूल कणों के अलावा अन्य प्रदूषक नाइट्रोजन ऑक्साइड , कार्बन मोनो ऑक्साइड , अमोनिया , ओजोन जैसी गैसों का स्तर मानक स्तर के समकक्ष ही रहा ।

14 नवम्बर को जोधपुर में हवा में धूल कणों का स्तर

समय ---------- पीएम-10 --------पीएम-2.5
शाम 5.15 ------ 65 ------ 51.01
शाम 6.15 ------106 ------84.22
शाम 7.15 ------292.10 ------132.70
रात 8.15 ------304.70 ------153.93
रात 9.20 ------494.10 ------233.05
रात 10.20 ------583.80------298.61
रात 11 बजे ------687.90 ------319.83
रात 12 बजे ------707 ------ 379.27
रात 1 बजे ------720.30------424.65
रात 2 बजे ------ 576.40 ------371.97
रात 3 बजे ------377.40 ------262.64
सुबह 4 बजे ------276 ------216.51
सुबह 5 बजे ------261.80 ------ 166.39

प्रदेश के शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक

शहर ------- 14 नवम्बर -------15 नवम्बर -------16 नवम्बर
जोधपुर -------236 ------- 291 -------245
भिवाड़ी -------348 -------319 -------151
जयपुर ------- 219 ------- 177 ------- 85
अलवर ------- 100 ------- 165 ------- 95
अजमेर ------- 146 -------177 -------113
कोटा ------- 181 -------276 ------- 93
पाली ------- 139 ------- 156 ------- 125
उदयपुर ------- 163 ------- 137 ------- 107

फिर हुई आवाज शुद्ध बरसात से

 शहर के उत्तरी और उत्तरी - पूर्वी हिस्सों में रविवार को तेज हवाओं के साथ बौछारें गिरी । ओले भी गिरे । इससे सोमवार को जयपुर , बीकानेर और भरतपुर संभाग की हवा संतोषजनक स्तर पर पहुंच गई । उत्तर से प्रदूषण आगे नहीं बढ़ने से अजमेर , उदयपुर और कोटा संभाग में भी वायु प्रदूषण नही के बराबर रहा ।

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